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लंबे समय बाद चर्चित मुख्य मंत्री शिवराजजी के नीमच दौरे से नीमच को क्या मिला ..?मुख्यमंत्री का दौरा खोदा पहाड़ निकली चूहीया ?कहावत को चरितार्थ कर गया .. डाक्टर सम्पत स्वरूप जाजू पूर्व विधायक नीमच....

नीमच//डाक्टर सम्पत स्वरूप जाजू ने एक बयान में कहा कि कल शाम से अभी तक और आगे भी संपूर्ण नीमच ज़िले में मुख्यमंत्रीजी के कल हुए नीमच दौरे की चर्चा मीडिया ( सोश्यल , इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट इत्यादि )हर नुक्कड़ , चाय की दुकान और पान की दुकान पर हो रही हैं कि मुख्यमंत्रीजी के दौरे से क्षेत्र को क्या मिला क्या घोषणाएँ की और उनके पीछे क्या मंतव्य था मुख्य मंत्रीजी का और किसने क्या माँगे रखी थी और उन माँगो को मुख्यमंत्रीजी किस गंभीरता से लिया . नीमच ज़िले ने क्या पाया और क्या अपेक्षा थी पर कितना मिला ! डाक्टर जाजू ने कहा कि अब यह प्रश्न उठता हैं कि मुख्यमंत्रीजी नीमच के लोगो को मायूस किसकी कार्यशैली के कारण कर गये ..? प्रदेशस्तर के चुनावी मुद्दे पर उन्होंने सबसे अधिक समय दिया और रेवड़ी संस्कृति की पैरवी करते हुए युवा और आधी आबादी को साधने पर ही ध्यान केंद्रित रखा जो स्पष्ट दर्शाता कि समयनुसार विभिन्न उम्र के मतदाताओं को रिझाने का कार्य करेगा .डाक्टर जाजू ने कहा कि नीमच ज़िला अगर आश्वासनों की सलीब पर लटका हैं तो उसका *दोष*संपूर्ण रूप से स्थानीय जनप्रतिनिधियों जिसमें प्रमुख रूप से विधायक और सांसद हैं को जाता हैं .डाक्टर जाजू ने कहा कि विकास एक सतत निरंतर प्रतिक्रिया हैं जिसको दूरदृष्टि और सोच से आगे बढ़ाता हैं यह क्षेत्र का दुर्भाग्य हैं कि लगातार जनप्रतिनिधि बनने के बाद भी अगर क्षेत्र विकास का कोई रॉडमैप आपके पास नहीं हैं तो मुख्यमंत्री से क्यों अपेक्षा रखी जाय की वे सौग़ातो की घोषणा करेंगे . डाक्टर जाजू ने कहा कि जनप्रतिनिधि ( सांसद) तो केवल अपनी स्वयं की तथाकथित महिमा मंडित कर गये जिसकी सच्चाई नीमच ज़िले का आम व्यक्ति अच्छी तरह जानता हैं . सांसद नए नीमच ज़िले के बारे में क्या घोषणा करनी चाहिये उसका उल्लेख तक या अनुरोध तक नहीं किया .यही स्थिति स्थानीय विधायक की रही मुख्यमंत्रीजी के सामने आगे आने वाले चुनाव को देखते हुए उन्होंने केवल मुख्यमंत्रीजी की महिमा मंडित करना ही अपना धर्म समझा उन्होंने नीमच के लिये कोई भी ऐसी योजना नहीं रखी जिसको मुख्यमंत्रीजी संज्ञान में लेकर घोषणा करते ..मुख्यमंत्रीजी की मातारानी भादवा के कारिडोर बनाए जाने की घोषणा की उसमे स्थानीय जनप्रतिनिधियों की और प्रभारी मंत्री का कोई प्रस्ताव ही नहीं था मुख्य मंत्री ने धार्मिक भावनाओं का लाभ उठाया जो वे प्रदेश के हर धार्मिक स्थल पर कारिडोर बनाने की घोषणा का एक हिस्सा हैं, मेडिकल कॉलेजो के नामकरण का भी प्रस्ताव स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नहीं रखा यह प्रस्ताव तीन माह पूर्व संसदीयक्षेत्र के मंदसौर विधायक नए पत्र लिखकर मुख्यमंत्रीजी सम्मुख रखा था जिसको मुख्यमंत्रीजी ने भावनात्मक नाटक करते हुए घोषित किया ..बंगला बगीचा के सरली करण हल करने का आश्वासन दिया हैं जो विगत कई वर्षों से करते आ रहे हैं . उन्होंने कोई समय सीमा घोषित नहीं की.. मुख्यमंत्रीजी के नीमच दौरे का कुल लब्बोलबाब यही हैं कि वे अपनी स्वयं की ब्रांडिंग को पुख़्ता कर गये और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर आमलोगो से लेकर विभिन्न मीडिया ( सोश्यल , इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट इत्यादि )को चर्चा करने का मुद्दा दे गये .

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