नीमच मंडी में उपज की हो रही बंपर आवक,किसानों को मिल रहे बेहतर दाम, आड़त सहित किसानों के साथ होने वाली लूट पर मंडी प्रसाशन सख्त....
नीमच// प्रदेश की बड़ी मंडियों में शामिल नीमच कृषि उपज मंडी में इन दोनों उपज की बंपर आवक देखने को मिल रही है यहां किसानों को अपनी उपज के बेहतर दाम मिल रहे हैं इसके साथ ही आढ़त प्रथा और किसानों के साथ होने वाली लूट को लेकर भी मंडी प्रशासन सख्त है किसानों को मंडी में बेहतर सुविधा देने को लेकर भी मंडी प्रशासन द्वारा कई प्रयास किया जा रहे हैं। मंगलवार को नीमच कृषि उपज मंडी में लहसुन मूंगफली चना ज्वार पोस्ता अलसी रायडा सहित अन्य उपज की करीब 18 हजार बोरी के लगभग आवक रही है ओर लहसुन के अधिकतम भाव 23400 एव पोस्ता के अधिकतम भाव 1 लाख 35 हजार रहे। मंडी सचिव उमेश बसेड़िया शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को नीमच कृषि उपज मंडी में सभी जिंसों की 18 हजार बोरी के लगभग आवक रही है जहां पोस्ता के दाम 1 लाख 35 हजार अधिकतम रहे वही लहसुन के दाम 23400 प्रति क्विंटल रहे इसके अतिरिक्त नीमच कृषि उपज मंडी में आढ़त प्रथा पूरी तरीके से बंद है और किसानों के साथ व्यापारियों हम्मालों और तुलावटियो द्वारा किए जाने वाली लूट और अधिक राशि वसूली को लेकर भी मंडी प्रशासन सख्त है सोमवार को कलौंजी मंडी में हम्माल द्वारा किसान से अधिक पैसे लेने का मामला मंडी प्रशासन के समक्ष आया था जिसमें हम्माल से पुनः किसाम को राशि दिलाई गई, इसके अतिरिक्त किसानों के साथ धोखाधड़ी और लूट को लेकर भी मंडी प्रशासन द्वारा अनाउंसमेंट किया जा रहा है जगह-जगह पोस्टर टांगे जा रहे हैं उड़न दस्ता भी मंडी में निरंतर निगरानी रखे हुए हैं सिविल ड्रेस में गार्ड भी प्रत्येक मंडी में घूम रहे हैं मंडी में किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो उसके लिए भी व्यवस्थाएं की गई है किसानों को ठंडा पानी और छांव के लिए भी यहां व्यवस्था है नई कृषि उपज मंडी में स्टेट बैंक की बिल्डिंग बनकर तैयार है जिसकी फाइल सैंक्शन के लिए कलेक्टर लेवल तक पहुंच चुकी है जल्द ही बैंक प्रारंभ होने के साथ ही अधिकतम उपज नई मंडी में शिफ्ट की जाएगी,नीमच कृषि उपज मंडी द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में 33 करोड़ की आय अर्जित कर संभाग में द्वितीय स्थान और प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त किया है और आगामी वित्तीय वर्ष में इस लक्ष्य को 35 करोड़ पार करने का रखा गया है मंडी सचिव ने किसानों से अपील की है कि जब भी मंडी में आए तो व्यापारी और हम्मालों को निर्धारित दर से अधिक रुपया ना दे और गेहूं मंडी में बड़े तोल कांटे पर ही तोल करवाए ताकि अतिरिक्त खर्चे से बचा जा सके।