नीमच// राजस्व कॉलोनी स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के कार्यालय में मंगलवार को आगामी अफीम नीति 2024-25 को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। अफीम सलाहकार समिति की इस बैठक में राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर,क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता, मंदसौर विधायक विपिन जैन,जावद विधायक ओमप्रकाश सकलेचा, नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार सहित अफीम किसानों के तमाम मुखिया व प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में मौजूद अधिकारियों के समक्ष जनप्रतिनिधियों व किसानों ने अपने-अपने सुझाव रखे,साथ ही अफीम किसानों की मांगों को भी प्रमुखता से रखा। इस बैठक में रखे प्रस्तावों का एक प्रतिवेदन बनाकर वित्त मंत्रलय को भेजा जाएगा।किसान हित में दिए महत्वपूर्ण सुझाव नीमच मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि अफीम सलाहकार समिति की बैठक में किसानों की मांगों को प्रमुखता से रखा है। किसानों की सभी मांगों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। मीडिया के माध्यम से उठाई गई अफीम किसानों की समस्याओं पर भी समय-समय पर विचार किया जाता है। आज की बैठक में अफीम का मूल्य बढ़ाने,तौल पद्धति की ऑनलाइन दिनांक समय पर देने, सीपीएस पद्धति के डोडों की साइज को लेकर बनाए जाने वाले पंचनामें से मुक्ति दिलाने, नामांतरण की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने सहित अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर सुझाव दिए हैं। रही बात आगामी अफीम नीति 2024-25 की तो भारत सरकार प्रतिवर्ष किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए ही पॉलिसी जारी करती है। इस बार भी किसानों की मांग के अनुरूप ही पॉलिसी तैयार होगी। हम आज 13 हजार किसानों से बढ़कर 1.5 लाख किसानों तक पहुंचने वाले हैं। पट्टों की संख्या निरंतर बढ़ी है। विभाग में स्टॉफ की कमी को दूर करने को लेकर भी कहा है।डोडाचूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर निकालने को लेकर भी भारत सरकार विचार कर रही है।काश्तकार की मृत्यु के बाद तुरंत नॉमिनी के नाम पर पट्टा चढ़ाने की मांग भी रखी है।राज्यसभा सांसद व किसान नेता बंशीलाल गुर्जर ने बताया कि केंद्रीय नारकोटिक्स कार्यालय में आज अफीम नीति 2024-25 की सलाहकार समिति की बैठक हुई। इस बैठक में क्षेत्रवार किसान जनप्रतिनिधियों ने शामिल होकर अपनी बात रखी। हमनें भी किसानों के हित में आगामी पॉलिसी में सुधार करने के सुझाव रखे हैं। किसानों के रिकॉर्ड की जांच कर सुधार करने, काश्तकार की मृत्यु की दशा में तुरंत नॉमिनी के नाम पट्टा चढ़ाने, एक ही खेत के दो पट्टों की जांच रिपोर्ट में अंतर आने की दशा में पुनः जांच कराने, किसानों को सूचित कर सीपीएस के डोडों को तुड़वाने के 10 से 15 दिन पहले आप विजिट कर सकते हैं। सीपीएस के डोडों का दाम 200 से बढ़ाकर 1 हजार रूपये प्रतिकिलो करने, अफीम के रेट बढ़ाने, अफीम की खेती को बीमा पॉलिसी में शामिल करने, प्राकृतिक आपदा के समय रियायत देने सहित कई मांगों को प्रमुखता से रखा। साथ ही बिना सूचना के गांव में तौल के लिए नहीं पहुंचने की बात को भी उठाया है।
अफीम सलाहकार समिति की बैठक में जावद विधायक ओमप्रकाश सकलेचा भी शामिल हुए।उन्होंने कहा कि 2005 से लगातार अलग-अलग विषय पर चर्चा हो रही है, पिछले चार सालों से कई बिंदुओं पर सवाल उठाए गए हैं। इन सवालों का
अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। बैठक में विधायक सकलेचा ने अधिकारियों की दादागिरी का मुद्दा भी उठाया और कहा कि आपको ये हक किसने दिया कि आप किसान के घर जाकर पूछे की कच्चा माल कितना है और पक्का माल कितना है। इतना ही नहीं विधायक सकलेचा ने अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए अब तक गांव में जाकर की गई कार्रवाईयों का डाटा तक मांग लिया जो अधिकारियों के पास नहीं मिला, जिसके बाद वे जमकर लताड़ते हुए नजर आए। वहीं भारतीय पोस्ता दाना के गिरते दामों को लेकर भी सकलेचा ने बेबाकी से बात रखी और कहा कि भारत में दो काकस साउथ इंडियन व महाराष्ट का ग्रुप है। वहीं चीन का भी एक ग्रुप है जो पोस्ता का आयात करता है। इसकी मंजूरी का हम शुरू से विरोध करते आए हैं। इसका फॉलोअप सांसद को लेना चाहिए और केंद्र तक किसानों की बात पहुंचानी चाहिए।अफीम सलाहकार समिति की बैठक में आज अफीम काश्तकारों व उनके प्रतिनिधियों ने भी शामिल हुवे थे जिन्होंने अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा। अफीम किसानों ने बताया कि उन्होंने वर्ष 1995-96 से काटे गए पट्टों को बहाल करने, सीपीएस पद्धति को बंद करने, चीरा पद्धति वाले किसानों को 3.5 प्रतिशत मार्फिन के आधार पर लाइसेंस देने, अफीम का रेट 10 हजार रूपये प्रतिकिलो करने, सीपीएस के डोडों का
दाम 200 से बढ़ाकर 1 हजार रूपये प्रतिकिलो करने, टर्कीीं से आयात पोस्ता पर रोक लगाने व नीलगाय व तोतों की वजह से खराब फसलों पर रियायत देने की मांग को प्रमुखता से उठाया।
मंदसौर विधायक विपिन जैन ने बताया कि मैंने नीमच के नारकोटिक्स ब्यूरो कार्यालय में हुई सलाहकार समिति की
बैठक में शिरकत की। बैठक में मंदसौर विधानसभा क्षेत्र के किसानों की मांगों को प्रमुखता से रखा। सन् 1996-97
में कटे पट्टों को बहाल करने, सीपीएस पद्धति को बंद करने, डोडाचूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर करने, मुखिया
की मौजूदगी में फसल का नष्टीकरण कराने, मार्फिन की मात्रा को 3.5 प्रतिशत करने, प्राकृतिक आपदा से खराब
हुई फसल में प्रतिशत की छूट देने, सीपीएस पद्धति के डोडो का दाम 200 से बढ़ाकर 1 हजार रूपए प्रतिकिलोकरने, अफीम की फसल को बीमा पॉलिसी में शामिल करने सहित अन्य प्रमुख मांगों को लेकर अपना पक्ष रखा है।