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मध्यप्रदेश नारकोटिक्स प्रकोष्ठ की नीमच जिला इकाई में निलंबन और बहाली का नाटकीय घटनाक्रम....एनडीपीएस की कार्यवाहियों में "धांधली का लाइसेंस" लेकर लौट आये साहब....पार्टी बनकर कार्यवाही को अंजाम देने वालों के खिलाफ गिरी थी निलंबन की गाज....डीआईजी ने दिखाई थी सख्ती...लेकिन सेटलमेंट की जद्दोजहद के बाद हो गई बहाली.....सिस्टम की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल... सूबे की "मोहन सरकार" को "नोकरशाही" दे रही चुनोती...!

अफीम उत्पादक नीमच मंदसौर जिलों में मध्यप्रदेश सरकार की नारकोटिक्स सेल की कमान संभालना पुलिस अधिकारियों के लिए मानो "अलादीन का चिराग" मिलने जैसा हो गया है,,,जहाँ नारकोटिक्स प्रकोष्ठ की जिला इकाई का प्रभारी बनने के लिए जद्दोजहद और जोड़तोड़ के हर एक पैंतरे अपनाए जाते है...और आखिरकार प्रभार मिलने के बाद एनडीपीएस से जुड़ी सफल कार्यवाहियों में...? अपार सफलता मिलने के बाद यहाँ से मोह भंग होने का नाम नही लेता...फिर चाहे शिकायतों पर विभागीय कार्यवाही क्यों न हो सेटलमेंट के मजबूत जोड़ से दोबारा बहाली का रास्ता भी साफ हो ही जाता है, जहाँ कहने में कोई अतिशयोक्ति नही होगी कि एनडीपीएस से जुड़ी कार्यवाहियों में "धांधली का लाइसेंस" साहब को मिल गया हो....? ताजा मामला हाल ही में नीमच जिले की नारकोटिक्स प्रकोष्ठ इकाई से जुड़ा है, जहाँ पदस्थ रहे विंग के जिम्मेदार प्रभारी और उनके अधीनस्थ अधिकारी को एनडीपीएस की कार्यवाहियों में गड़बड़ी को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद विभाग द्वारा तत्काल प्रभाव से हटाया गया था...गौरतलब है कि नीमच स्थित विंग के जिम्मेदारों के खिलाफ पार्टी बनकर एनडीपीएस की कार्यवाहियों को अंजाम देने के सबंध में पिछले दिनों हुई शिकायतों के बाद मध्यप्रदेश नारकोटिक्स प्रकोष्ठ के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसे गंभीरता से संज्ञान में लिया गया, और तत्काल प्रभाव से नीमच नारकोटिक्स विंग प्रभारी सहित एक अधिकारी को हटाया गया...मामले में डीआईजी (मध्यप्रदेश नारकोटिक्स सेल) महेश जैन द्वारा दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई थी...और इसके बाद शुरू हुआ निलंबन के खिलाफ बहाली की जद्दोजहद का खेल जहाँ आखिरकार सबंधित अधिकारी इसमें सफल रहे, और एक बार नीमच नारकोटिक्स विंग की कमान उन्ही हाथों में सौंप दी गयी जिनके खिलाफ एनडीपीएस से जुड़ी कार्यवाहियों में गड़बड़ी और धांधलियों से भरी शिकायतों का पिटारा विभागीय स्तर तक पहुँचा था,,,, बहरहाल सिस्टम में अफसरशाहों से जुड़े किसी भी निर्णय पर सरकार का निर्णय अहम होता है, लेकिन यहाँ नारकोटिक्स विंग नीमच में अधिकारियों के निलंबन और बहाली से जुड़े घटनाक्रम ने सिस्टम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए है...!

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