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निर्जला एकादशी पर मंदिरों में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब,भक्ति और भजन में डूबे भक्त....

नीमच// ज्सेष्ट शुक्ल एकादशी के पावन अवसर पर शुक्रवार को निर्जला एकादशी का पर्व नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में भक्तिभाव से मनाया गया। इस अवसर पर शहर के प्रमुख मंदिरों में दिनभर पूजा-पाठ, भजन कीर्तन और धार्मिक आयोजनों की धूम रही। सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में उमड़ने लगे और दिनभर भगवान की पूजा-अर्चना में लीन रहे। महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर भगवान को जल से भरा कलश अर्पित कर व्रत खोला।नीमच के प्रसिद्ध सांवरिया सेठ मंदिर में सुबह से शाम तक विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए। महिला मंडलों द्वारा भजन संध्या आयोजित की गई। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी पं. राजेन्द्र पुरोहित ने निर्जला एकादशी का धार्मिक महत्व और व्रत कथा का वाचन कर श्रद्धालुओं को व्रत की महिमा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि निर्जला एकादशी वर्ष की सभी 24 एकादशियों में सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है,क्योंकि इसमें अन्न और जल दोनों का त्याग किया जाता है। इस कठिन व्रत से सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।इसी क्रम में सराफा बाजार स्थित श्री बिचला गोपालजी मंदिर में 6 जून की रात भव्य कीर्तन और फाग महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान भगवान गोपालजी और बाबा श्याम का दिव्य शृंगार किया गया, जिसमें दिल्ली और कोलकाता के फूलों का प्रयोग किया गया। मंदिर परिसर विद्युत सजावट से जगमगाया और श्रद्धालुओं पर इत्र वर्षा की गई। साथ ही फूलों की होली खेली गई। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा भजन गायिका हीना डांगी (मंदसौर) और नवीन असवार (मल्हारगढ़) की मधुर प्रस्तुति, जो मंशापूर्ण म्यूजिकल ग्रुप (पवन भैया) के साथ रात दी जाएगी।7 जून की सुबह 9 बजे से श्याम बाबा की ज्योत ली जाएगी।इसी प्रकार नीमच नरेश के दरबार में निर्जला एकादशी (आम ग्यारस) धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर नीमच नरेश को 1 टन 1111 किलो आम रस का महाभोग अर्पित किया गया।प्रातःकाल आरती और शाम 7 बजे संध्या महाआरती के साथ ताली कीर्तन हुआ। भक्तों को आम रस का प्रसाद वितरित किया गया। बाबा का शाही शृंगार दिल्ली और कोलकाता के फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया। प्राचीन श्री श्याम मंदिर (बावड़ी वाले बालाजी) में दर्शन के लिए मंदिर दिनभर खुला रहा, जबकि श्रृंगार सेवा हेतु बाबा के पट दोपहर 3 से 5 बजे तक बंद रहे।इस तरह निर्जला एकादशी का पर्व नीमच में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया, जिसमें हजारों भक्तों ने भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित किया।

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