सांप्रदायिक हिंसा और अन्याय के खिलाफ भारत मुक्ति मोर्चा व राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा 9 सूत्रीय ज्ञापन.....
नीमच//भारत मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा द्वारा सोमवार को देशभर में मुसलमानों के साथ हो रहे अत्याचार, मॉब लिंचिंग, अवैध बुल्डोजर कार्रवाई और वक्फ कानून में किए गए संशोधनों के विरोध में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सौंपा गया। ज्ञापन में देश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं पर चिंता जताते हुए 9 सूत्रीय मांगें रखी गईं और इन पर शीघ्र कार्यवाही न होने पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी गई।ज्ञापन में कहा गया है कि देश में सांप्रदायिकता के नाम पर बेगुनाह मुसलमानों की मॉब लिंचिंग कर हत्याएं की जा रही हैं। धार्मिक स्थलों, मस्जिदों, मदरसों, दुकानों, ईदगाहों और बस्तियों को निशाना बनाकर बुल्डोजर चलाए जा रहे हैं, जो संविधान की आत्मा के खिलाफ है
साथ ही वक्फ कानून में किए गए संशोधन भी मुस्लिम समाज के अधिकारों को कमजोर करने वाले बताए गए हैं।
ज्ञापन की प्रमुख मांगों में मॉब लिंचिंग के दोषियों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर उन्हें मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा देने, पीड़ित परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी, बच्चों की शिक्षा और स्थायी सुरक्षा प्रदान करने की बात शामिल है।इसके अलावा, ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाने, अवैध तरीके से बेघर किए गए लोगों को पुनर्वास और मुआवजा देने, इस्लामिक धार्मिक स्थलों और ग्रंथों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने तथा "कम्युनल वॉयलेंस प्रिवेंशन एक्ट" को लागू करने की भी मांग की गई।ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि वक्फ संशोधन विधेयक 2025 संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और इसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। साथ ही, योग्य मदरसों को मान्यता देने के लिए तुरंत मदरसा बोर्ड की बैठक बुलाकर कार्रवाई की जाए।भारत मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर शीघ्र व प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, तो वे देशभर में बड़ा जन आंदोलन शुरू करेंगे।